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Showing posts from 2018

शक सम्वत

शक संवत   को राष्ट्रीय पंचाग कैलेंडर के रूप में स्वीकार किया गया है। यह चैत्र से फाल्गुन तक चलता है। 21 मार्च को चैत्र का प्रथम दिन आता है। यह 22 मार्च 1957 को लागू किया गया था।

गदर आंदोलन

भारत के अप्रवासी भारतीयों की वीरता एवं दृण संकल्प के कारण गदर आंदोलन   से भारत मे ब्रिटिश सरकार की नीवें हिल गयी थी। जो भारतीय कनाडा या अमेरिका में उच्च शिक्षा के लिए आए थे वे इन कार्यों के बजाय क्रांतिकारियों में उत्साह व आग भरने का कार्य किया। इनकी संस्था का नाम हिंदुस्तान एसोसियन ऑफ पैसिफिक कोस्ट   था। जिसका मुख्यालय सैनफ्रांसिस्को में स्थापित किया गया। इस स्थान से सारी गतिविधियों को संचालित किया जाता था।

श्रेष्ठ भाषा

22004 की अधिसूचना के आधार पर अब तक भारत सरकार ने कुछ भाषाओं को श्रेष्ठ भाषा का दर्जा दिया है। जोकि इसप्रकार हैं- तमिल (2004),संस्कृत (2005), तेलगु (2008), कन्नड़(2008), मलयालम(2013) व ओड़िया (2014) ।

भारतीय पशु कल्याण बोर्ड

भारतीय पशु कल्याण बोर्ड विश्व मे भारत द्वारा स्थापित अपने प्रकार का एक मात्र बोर्ड है। इसको 1962 में स्थापित किया गया था। इसमें पशुओं पर होने वाले अत्याचारों को रोकने के लिए बनाए गए कानूनों का प्रावधान है।

NIMBA

नीम की संस्कृति शब्द NIMBA से उतपत्ति हुई है जिसका आशय बीमारी से छुटकारा पाना   । नीम के 5 भाग -जड़, तना, पत्ती, फूल एवं फल। इन सभी का औषधि महत्व है। नीम के बीज व तेल का उपयोग खेती में कीटनाशक के रूप मे हो रहा है। इसके बीजों का जैव ईंधन व अस्पताल अपमार्जको का निर्माण करने में तथा औषधि में किया जाता है।

Bombay Natural History Society

Bombay Natural History Society की शुरुआत पिछले 130 वर्षों से सन 1833 ईस्वी में हुई। जोकि प्रकृतिक भारत के उद्देश्यों को प्रोत्साहित करता है। प्रारंभ में यह संगठन बम्बई के 8 सदस्यों द्वारा प्रारम्भ किया गया। जिसमें 2 भारतीय थे। यह क्रिया आधारित अनुसंधान शिक्षा एवं लोक जागरूकता के माध्यम से प्रकृति को बचाने प्रयास करता है। इसके साथ साथ साधरण जनता के लिए प्रकृति खोज, यात्राओं एवं शिविरों का संचालन एवम आयोजन होता है।

पृथ्वी काल

पृथ्वी काल   एक विश्व व्यापी आंदोलन है जो कि WWF द्वारा संचालित होता है। इसके प्रतिभागी प्रति वर्ष एक निश्चित दिन ( मार्च महीने का अंतिम शनिवार )एक घण्टे के लिए बिजली का उपयोग बन्द कर देते हैं। यह एक घण्टा रात्रि 8:30 से 9:30 के मध्य का होता है।

हरी जिरोती पर्व

भारत के कुछ विशिष्ट समुदाय के लोग परिस्थितिक रुप से महत्वपूर्ण पर्व को मनाते हैं। जोकि पूरे माह या वर्ष इनका आयोजन होता है। इस पर्व को हरी जिरोती पर्व   कहते हैं। इसमे फलदार बृक्षों का रोपण होता है। इस प्रकार के पर्व का आयोजन मध्य प्रदेश के बैतूल एवम हरदा जिले के गोंड तथा कोरकू जन जाति मनाते हैं।

जीवित जड़ पुल

भारत के एक विशेष क्षेत्र में वहाँ के स्थानीय लोग जीवित  बृक्षों की जड़ो को अनुवर्धित कर इन्हें जलधारा के आर पार एक सुद्रण पुल में परिवर्तित कर देते हैं। जैसे जैसे वक्त होता जाता है ये पल और भी मजबूत होते जाते हैं। और ये अनोखे पुल मेघालय के चेरापूँजी, नोन ग्रेट,लात्संयू आदि स्थानों पर देखे जा सकते हैं। मेघालय के जनजातीय क्षेत्रों में रहने वाले लोग वहां उगने वाले बृक्षों की जड़ों और शाखाओं को एक दूसरे से सम्बद्ध कर पुल का रूप दे देते हैं। इस प्रकार के पुल ही जीवित जड़ पुल कहलाते हैं।

गंगा की डॉल्फिन

गंगा की डॉल्फिन   को भारत का राष्ट्रीय जलीय जीव घोषित किया गया है। गंगा की प्रदूषण को कम करने में गंगा डॉल्फिन बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

नामदफा नेशनल पार्क

नामदफा नेशनल पार्क   अरुणाचल प्रदेश में अवस्थित 1807 वर्ग कि मी में विस्तारित है। इस क्षेत्र की जलवायु की प्रमुख विशेषता यह है कि यह उष्णकटिबंधीय से उपोष्ण और शीतोष्ण से आर्कटिक तक परिवर्तित होती है। इसे 1972 में संरक्षित किया गया।

पंकज सिन्हा गायक

【【💐🍁 पंकज सिन्हा गायक 🍁💐】】 _________________________       🍿 🎂  जन्मदिन पर विशेष🎂🍿            (🌷10 अप्रैल, 1976🌷)     _________________________          🌿🌹कलाकार हो तो ऐसा🌹🌿      🌴🌴28 वर्षों से अपने सुरों से सबके दिल पर कर रहे राज 🌴🌴 _________________________ 🌴🌴"हो गयी माँ बल्ले बल्ले" अल्बम से मिली अपार सफलता, बने स्टार कलाकार🌴🌴 _________________________     🦋संगीत की दुनिया में पंकज सिन्हा जौनपुर का एक ऐसा पहला अंतर्राष्ट्रीय कलाकार का नाम है जो किसी परिचय का मोहताज नहीं।आइये आपसे भी रूबरू करवाते हैं ऐसी शख़्सियत को।।🦋 🍇पंकज सिन्हा जो जिला जौनपुर के निवासी हैं, जिनका जन्म 10 अप्रैल 1976 को मोहल्ला ओलंदगंज, जौनपुर में कायस्थ् परिवार में हुआ। इनके पिता ( स्वर्गीय प्यारेमोहन श्रीवास्तव) उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग में उच्च पद पर कार्यरत थे और माता( श्रीमति मंशालता श्रीवास्तव)  एक कुशल गृहणी हैं।  इनकी प्रारंभिक शिक्षा सरस्वती बाल मंदिर से आरम्भ हुई एवं तिलकधारी महाविद्यालय से बी. एस.सी.(मैथमेटिक्स), बी.ए.और एम्.ए. की शिक्षा ग्रहण की। संगीत में

पश्मीना

पश्मीना ऊन   पारम्परिक रूप से लद्दाख क्षेत्र का उत्पादन है जिसका चम्पा समुदाय द्वारा उत्पादन किया जाता है। चम्पा समुदाय के लोग अनुसूचित जाति के लोग हैं। जोकि मुख्यतः जम्मू कश्मीर के विभिन्न स्थानों पर बसे हैं। जहाँ कहीं भी ये निवास करते हैं उस क्षेत्र को चांग थंग के नाम से जाना जाता है।

पहाड़ो के जंगल

पहाडों के जंगल    पहाड़ों की ढलानों पर उगते हैं। हिमालय की 1500 मी की ऊंचाई तक सदाबहार वन या पेंडो के रूप में बहुतायत उगते हैं। 1500-3500 मी की ऊंचाई तक पाईन,फर,ओक, मेपल,देवदार , पन्नाग एवं देवदारु के पेंड़ उगते हैं। इससे भी उंचाई पर रोड़ोँडेड्रोस तथा जूनियर्स पाए जाते है। इससे आगे के पहाड़ो की बर्फ पर अल्पाइन ग्रास लैंड पाए जाते हैं।

चन्दन

चंदन   की लकड़ी के पेड़ दक्षिण भारत के पश्चिमी घाट पर उगते हैं। इसके साथ ही साथ कुछ दूसरी पर्वत सृंखला जैसे कलरायन तथा शेवरॉन की पहाड़ियों में उगते हैं।

पंचायतन

पंचायतन   मन्दिर रचना शैली है। इस रचना में चारो कोनो पर सहायक मन्दिर और मध्य में मुख्य मंदिर होता है। रत्नागिरी (महाराष्ट्र ) जनपद में गुहाकार में स्थिति श्रीदेव व्यमेश्वर मन्दिर पंचायतन  शैली का प्रमुख मन्दिर है।

टाबो मठ

टाबो मठ और मन्दिर संकुल , लाहौर व स्पीति घाटी जो कि हिमालय क्षेत्र में स्थित है ।हजारों वर्ष पहले बनाये गए भगवान बुद्ध के मठों में से एक पवित्र एवं पुराना मठ है। यह 3050 मी की ऊंचाई पर स्थित है। टाबो मठ को हिमालय क्षेत्र का अजंता भी कहा जाता है।

हरित भारत मिशन

राष्ट्रीय जलवायु परिवर्तन मिशन-2008 द्वारा घोषित किये गए आठ कार्यक्रमों मे हरित भारत मिशन एक कार्यक्रम है। परन्तु इसका संचालन वर्ष 2007 से किया जा रहा है। इसका मूल उद्देश्य वन अच्छादनकी पुनःप्राप्ति और संवर्धन करना तथा अनुकूलन एवम न्यूनीकरण के संयुक्त उपयो से जलवायु परिवर्तन का प्रत्युतर देना है।

यक्षगान

यक्षगान एक थियेटर का प्रकार है जिसमें नृत्य, संगीत, संवाद, वेशभूषा और साजसज्जा आदि का एक विशेष प्रकार से मिश्रण होता है। यक्षगान,कर्नाटक संगीत या भारतीय संगीत से भी ज्यादा अलग है। ऐसा माना जाता है कि उसका वास्तविक स्वरूप कर्नाटक व केरल में बचा हुआ है।

मोहिनी अट्टम

मोहिनी अट्टम नृत्य   केरल के दक्षिणी व पश्चिमी भाग में प्रचलित है। मोहिनी अट्टम का अर्थ है जादुगरनियो का नृत्य। जिसका गुण सम्मोहित करना है।

कलारिपयट्टू

कलारिपयट्टू केरल का एक मार्शल आर्ट है जोकि विश्व की सबसे पुरानी, लोकप्रिय व वैज्ञानिक कला है। मूल रूप से यह केरल के मध्य और उत्तर भाग में,कर्नाटक व तमिलनाडु के नजदीक वाले भाग प्रचलित है।

सत्रीया नृत्य

" सत्रीया नृत्य " भारत के 8 शास्त्रीय नृत्यों में से एक है। सत्तर शब्द - सत्र से लिया गया है जिसका अर्थ -मठ और नृत्य का अर्थ है-तरीका, असम की वैष्णव मठ में ये नृत्य 500 वर्षों से अभी तक जीवित है। जिसको सत्रास के नाम से जाना जाता है। यह नृत्य नाटिका, मुख्य रूप से असम के वैष्णव सन्त व समाज सुधारक शंकरदेव और उनके परम् शिष्य माधवदेव द्वारा लिखे व निर्देशित किये जाते थे। इसमे भगवान कृष्ण के जीवन पर आधारित संगीत, नृत्य व नाटक द्वारा लीलायें की जाती हैं। सत्रीया नृत्य   जप,कथा ,नृत्य व संवाद का समन्वय है।

भारत छोड़ो आंदोलन

द्वितीय विश्व युद्ध में भारतीयों की सहमति के बिना इंग्लैंड द्वारा भारत को युद्ध मे सम्मिलित कर लेने की घोषणा से सन 1937 ईस्वी में नियुक्त मन्त्री मण्डल से त्याग पत्र दे दिया गया। इसके कुछ वर्षों बाद 1942 ईस्वी में क्रिप्स मिशन भारत मे लाया गया परन्तु ये सफल नही हो सका। और इसकी असफलता के बाद 8 अगस्त 1942 को " भारत छोड़ो आंदोलन " प्रारम्भ हुआ।इस आंदोलन को तीव्र गति देने के लिए महात्मा गांधी ने " करो या मरो " का नारा दिया।

साइमन कमीशन

भारत सरकार अधिनियम या मांटेग्यू चेम्सफोर्ड सुधार 1919 की समीक्षा के लिए सन 1927 ईस्वी में साइमन कमीशन की नियुक्ति की गई। चूँकि इसमे एक भी भारतीय सदस्य नही होने के कारण इसका विरोध किया गया।

निर्वाण

बौद्ध धर्म की सबसे महत्वपूर्ण संकल्पना " निर्वाण " है। यही मनुष्य के जीवन का अंतिम सत्यऔर परम् लक्ष्य है।जब मनुुुष्य की वेदनाओं  और तृष्णाओ का अंत हो जाता है तो उसको निर्वाण प्राप्त हो जाता है।निर्वाण का शाब्दिक अर्थ-" दीपक का बुझ जाना।"

त्रिभंग मुद्रा

" त्रिभंग मुद्रा " ओडिसी नृत्य से सम्बंधित है।जो कि उड़िसा का पारम्परिक नृत्य है। भरतीय इतिहास में नृत्य एवं नाट्य-कला की एक शारिरिक मुद्रा है। इसमे एक पैर मोड़ा जाता है और देह थोड़ी,किन्तु विपरीत दिशा में कटी और ग्रीवा पर वक्र बनाया जाता है। यह प्राचीन काल से ही भारत का लोकप्रिय नृत्य रहा है।

स्वाभिमान योजना

भारत सरकार द्वारा वर्ष 2011 फरवरी माह में वित्तीय समग्रता के लिए राष्ट्रीय स्तर पर " स्वाभिमान योजना " योजना का शुभारंभ किया गया। इस योजना का प्रमुख उद्देश्य समाज के गरीब व निर्धन व्यक्तियों को आर्थिक सहायता व प्रगति का लाभ व्यवसायिक संवाददाताओं (बैंक साथी) द्वारा प्रत्येक स्तर तक पहुंचना है।

चैत्य एवं विहार

चैत्य विहार कुछ शैल कृत बौद्ध गुफाओं को चैत्य कहते हैं। जबकि अन्य को विहार। दोनो में मूल अंतर यह है कि चैत्य पूजा स्थल होते हैं  जबकि विहार निवास स्थल होते हैं। चैत्य का शाब्दिक अर्थ होता है चिता सम्बन्धी।शवदाह के पश्चात बचे हुये अवशेषों को भूमि में गाड़कर जो समाधियाँ बनाई जाती हैं  उसे प्रारम्भ में चैत्य या स्तूप कहा गया। इन समधियों में महापुरुषो के धातु अवशेष सुरक्षित थे। अतः चैत्य उपासना के केंद्र बन गए। चैत्य के समीप ही भिक्षुओं को रहने के लिए आवास बनाये गए जिन्हें विहार कहते हैं।

शैल कृत गुफाये

ऐलोरा में विभिन्न धर्मों के लिए गुफाएं बनाई गयी थी। बराबर की शैल कृत गुफाये भारत मे चट्टानों को काट कर बनाई गई थी। ये सबसे पुरानी गुफाये हैं जो जैनियों के निवास के लिए सम्राट अशोक और उसके पौत्र द्वारा बनवाई गई थी।

जननी सुरक्षा योजना

                      जननी सुरक्षा योजना यह योजना 100% केन्द्र प्रयोजित योजना है।इस योजना को ऐसे राज्यों और क्षेत्रों में आरम्भ किया गया है जहाँ संस्थागत प्रसव की मांग और सुविधा की कमी है। यह योजना यह सुनिश्चित करने से सम्बन्धित है कि प्रसव पर जन्म कुशल परिकरों द्वारा कराया जाए जिससे मातृत्व मृत्यु दर को कम किया जा सके।