भारत के एक विशेष क्षेत्र में वहाँ के स्थानीय लोग जीवित बृक्षों की जड़ो को अनुवर्धित कर इन्हें जलधारा के आर पार एक सुद्रण पुल में परिवर्तित कर देते हैं। जैसे जैसे वक्त होता जाता है ये पल और भी मजबूत होते जाते हैं। और ये अनोखे पुल मेघालय के चेरापूँजी, नोन ग्रेट,लात्संयू आदि स्थानों पर देखे जा सकते हैं। मेघालय के जनजातीय क्षेत्रों में रहने वाले लोग वहां उगने वाले बृक्षों की जड़ों और शाखाओं को एक दूसरे से सम्बद्ध कर पुल का रूप दे देते हैं। इस प्रकार के पुल ही जीवित जड़ पुल कहलाते हैं।
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