Visit on my channel https :// youtu.be / Vz3jUQSnPic दृष्टिकोण से महिला सशक्तिकरण का उदय महिला सशक्तिकरण के विषय मे अगर हम बात करे तो हमारे देश की कुछ घटनाएं काफी प्रभाव पूर्ण रही हैं।जिसमें की भारतीय वायुसेना में देश की पहली महिला लड़ाकू पायलट की नियुक्ति हुई है। यहाँ तक कि भारत के मंगल यान मिशन की आश्चर्य जनक शुरुआत और 104 नैनो उपग्रहों को एक ही रॉकेट के द्वारा कक्षा में स्थापित करने वाली टीम में महिला वैज्ञानिक भी शामिल थी। हमारे देश की महिलाएं इसके अलावा ओलंपिक, अंतरराष्ट्रीय खेलों आदि आयोजनो में शानदार प्रदर्शन कर रही हैं।और अपने कार्यों से देश को गौरवांवित कर रही हैं। भारत की शिक्षा व्यवस्था में महिलाओं को लैंगिक समानता तो मिली ही है साथ ही साथ कानून, चिकित्सा, सूचना प्रौद्योगिकी, प्रबंधन आदि तकनीकी और व्यवसायिक शिक्षा में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ा है। भारत मे एक तिहाई सर्टिफाइड इंजीनियर और तीन चौथाई से भी ज्यादा स्वास्थ्य कर्मी महिलायें हैं। उधमिता के क्षेत्र में भी देश की 20 प्रतशित महिला उधमी
visit to my you tube channel - ARSHE WAVE वित्तीय सशक्तिकरण की ओर कदम महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए उद्यमिता विकास और आय अर्जित गतिविधियां व्यवहारिक साधन मुहैया कराती हैं। सशक्तिकरण की अवधारणा ऐसी प्रक्रिया को परिभाषित करती है जिसमें महिलाओं को, चुनने की पूरी आजादी मिलती है। लघु वित्त के साथ स्वयं सहायता समूह (एस एच जी) महिला उद्यमिता और वित्तीय सशक्तिकरण को बढ़ावा देने में प्रभावी भूमिका निभाते हैं । एसएचजी का लघु ऋण तंत्र सदस्यों को अन्य सामुदायिक विकास गतिविधियों में शामिल करता है। लघु ऋण का मुख्य उद्देश्य आय उत्पन्न करने वाली गतिविधियों के जरिए गरीबी कम करना है । जैसे- अभिनव फार्मर्स को-ऑपरेटिव सोसाइटी, ग्रासरूट , ग्रामीण बैंक, असम चाय निगम, कुटुंबश्री, इंदिरा क्रांति पधामरे, सक्रिय रूप से ऋण और स्वयं सहायता गतिविधियों के माध्यम से महिलाओं को सशक्त बनाते हैं ।सूक्ष्म उद्यमशीलता महिला सशक्तिकरण को मजबूत करती है ।और लैंगिक असमानता को दूर करती है। स्वयं सहायता समूह को मुख्य र