Skip to main content

NIMBA

नीम की संस्कृति शब्द NIMBA से उतपत्ति हुई है जिसका आशय बीमारी से छुटकारा पाना  । नीम के 5 भाग -जड़, तना, पत्ती, फूल एवं फल। इन सभी का औषधि महत्व है। नीम के बीज व तेल का उपयोग खेती में कीटनाशक के रूप मे हो रहा है। इसके बीजों का जैव ईंधन व अस्पताल अपमार्जको का निर्माण करने में तथा औषधि में किया जाता है।

Comments

Popular posts from this blog

त्रिभंग मुद्रा

" त्रिभंग मुद्रा " ओडिसी नृत्य से सम्बंधित है।जो कि उड़िसा का पारम्परिक नृत्य है। भरतीय इतिहास में नृत्य एवं नाट्य-कला की एक शारिरिक मुद्रा है। इसमे एक पैर मोड़ा जाता है और देह थोड़ी,किन्तु विपरीत दिशा में कटी और ग्रीवा पर वक्र बनाया जाता है। यह प्राचीन काल से ही भारत का लोकप्रिय नृत्य रहा है।

चैत्य एवं विहार

चैत्य विहार कुछ शैल कृत बौद्ध गुफाओं को चैत्य कहते हैं। जबकि अन्य को विहार। दोनो में मूल अंतर यह है कि चैत्य पूजा स्थल होते हैं  जबकि विहार निवास स्थल होते हैं। चैत्य का शाब्दिक अर्थ होता है चिता सम्बन्धी।शवदाह के पश्चात बचे हुये अवशेषों को भूमि में गाड़कर जो समाधियाँ बनाई जाती हैं  उसे प्रारम्भ में चैत्य या स्तूप कहा गया। इन समधियों में महापुरुषो के धातु अवशेष सुरक्षित थे। अतः चैत्य उपासना के केंद्र बन गए। चैत्य के समीप ही भिक्षुओं को रहने के लिए आवास बनाये गए जिन्हें विहार कहते हैं।

स्वाभिमान योजना

भारत सरकार द्वारा वर्ष 2011 फरवरी माह में वित्तीय समग्रता के लिए राष्ट्रीय स्तर पर " स्वाभिमान योजना " योजना का शुभारंभ किया गया। इस योजना का प्रमुख उद्देश्य समाज के गरीब व निर्धन व्यक्तियों को आर्थिक सहायता व प्रगति का लाभ व्यवसायिक संवाददाताओं (बैंक साथी) द्वारा प्रत्येक स्तर तक पहुंचना है।