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असुरक्षा से सुरक्षा की ओर कदम।
सुकन्या समृद्धि योजना की शुरुआत 2015 में हुई।इस योजना के अंतर्गत जमा की हुई रकम को लड़की के 18 साल पूरा होने के बाद निकाला जा सकता है देश में लगभग 1.39 लड़कियों के लिए खाते खोले जा चुके हैं सुकन्या समृद्धि योजना के खातों में 25979 करोड़ रुपए की रकम जमा हो चुकी है।
सुकन्या समृद्धि योजना और प्रधानमंत्री जन धन योजना के जरिए वंचित लोगों को बैंकिंग सेवाओं के जोड़ा गया है प्रधानमंत्री जन धन योजना के द्वारा 16.42 करोड़ महिलाओं के खाते खोले जा चुके हैं।
बचत खातों में महिलाओं की हिस्सेदारी 2017 में 40 % हो चुकी है। (2014 में 28%थी।)
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना में 75 % कर्ज़ महिलाओं को ही दिए गए हैं। इसमें से 9.81% महिलाओं को फायदा मिला है।
महिला स्वयं सहायता समूह को मंजूर किए गए कर्ज में 37% की बढ़ोतरी हुई है।
मातृत्व अवकाश से जुड़ी जरूरी छुट्टियों की अवधि को बढ़ाकर 26 सप्ताह किया जा चुका है।
प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना के तहत असंगठित क्षेत्र की गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को नकद राशि भी प्रदान की जाती है।
प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना के तहत इन महिलाओं को ₹6000 की राशि प्रदान की जाती है और 38 लाख से भी ज्यादा महिलाएं इस योजना के लाभार्थी हैं।
भारत में कंपनियों में फिलहाल 5 लाख से भी ज्यादा महिला निदेशक है जो देश में इस मामले में अब तक का रिकॉर्ड है ।
महिलाओं की सुरक्षा के अंतर्गत कामकाजी जगहों पर महिलाओं के उत्पीड़न( रोकथाम, निषेध और निदान )से संबंधित कानून 2013 को सख्ती से लागू किया जा रहा है।
महिलाओं के सशक्तिकरण और उनके स्वास्थ्य की रक्षा के लिए उज्ज्वला योजना लाई गई है।
उज्जवला योजना के अंतर्गत गरीबी रेखा के नीचे गुजर-बसर करने वाले परिवारों की महिलाओं को मुफ्त में सिलेंडर दिया जाता है।
महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए सरकार ने 31 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में 181 महिला हेल्पलाइन केंद्रों को मंजूरी दी है और 206 वन स्टॉप केंद्र चल रहे हैं जहां हिंसा की शिकार महिलाओं को तुरंत और आसानी से मदद मिल सकती है।
मुश्किल में फंसी महिलाओं के लिए इमरजेंसी में सहायता उपलब्ध कराने के लिए सरकार मोबाइल फोन में पैनिक बटन भी उपलब्ध कराएगी।
आठ प्रमुख शहरों को महिलाओं के लिए सुरक्षित बनाने और बलात्कार के मामले में फॉरेंसिक जांच क्षमता को बेहतर करने के लिए निर्भया का फण्ड इस्तेमाल किया जा रहा है।
महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए 3 लाख छात्र स्वयंसेवी सरकारी योजनाओं और सेवाओं के साथ ग्रामीण स्तर पर सीधा महिलाओं तक पहुंच रहे हैं।
बलात्कार के दोषियों को कम से कम 10 वर्ष की सजा होगी। वहीं 12 वर्ष से कम उम्र की बच्चियों से रेप करने पर फांसी की सजा होगी और यह सुनवाई मात्र 2 महीनों में पूरी की जाएगी।
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